पीआइओ की मनमानी पर सूचना आयुक्त की मेहरबानी

, रांची झारखंड के सूचना आयुक्त सृष्टिधर महतो ने जन सूचना पदाधिकारी (पीआइओ) द्वारा सूचना देने में मनमानी किए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं की। पीआइओ को सूचना देने के लिए बार-बार मौका दिया। नौ सुनवाई के बाद भी बिना सही सूचना दिलाए मामले का निष्पादन कर दिया। मामला दिलीप कुमार भैया बनाम पीआइओ सह सहायक अभियंता, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल, जामताड़ा का है। अपीलकर्ता दिलीप ने पीआइओ से जामताड़ा के अंतर्गत विधायक फंड, मनरेगा व भवन प्रमंडल की विभिन्न योजनाओं की सूचना मांगी थी। सूचना उपलब्ध नहीं होने पर इसकी शिकायत राज्य सूचना आयोग से की। 10 फरवरी 2010 को सुनवाई में आयोग ने पीआइओ को आदेश दिया कि वे अपीलकर्ता को 10 मार्च 2010 तक सूचना मुहैया कराएं। 10 मार्च को दूसरी सुनवाई में प्रतिवादी (पीआइओ) सहायक अभियंता, ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल उपस्थित हुए। सहायक अभियंता ने आयोग को मौखिक बताया कि आवेदक को सूचना शुल्क के रूप में 2084 रुपये की मांग साधारण डाक से पत्र भेजकर की गई है। आयोग ने साधारण डाक से शुल्क मांगने पर सवाल खड़ा करते हुए जानबूझकर अपीलकर्ता को परेशान करने का दोषी पाया। साथ ही सात दिनों के भीतर सूचना देने के निर्देश दिए। 22 अप्रैल को तीसरी सुनवाई में पीआइओ को नोटिस जारी करते हुए 19 मई को आयोग में तलब किया गया। 19 मई 2010 को चौथी सुनवाई में सहायक अभियंता से आधी अधूरी एवं बिना सत्यापित कापी देने पर आयोग ने पूछताछ की तो वे उग्र हो गए। सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में इस पर टिप्पणी भी की, लेकिन पीआइओ को मौका देते हुए 11 जून तक सही व संतोषजनक सूचना उपलब्ध कराने का फिर से निर्देश दिया। 11 जून को पांचवीं सुनवाई में पीआइओ आए ही नहीं। सृष्टिधर महतो के अवकाश में होने के कारण सूचना आयुक्त गंगोत्री कुजूर ने सुनवाई की। कुजूर ने पाया कि पीआइओ कानून के साथ मनमानी करना चाहते हैं। उन्होंने पीआइओ को आदेश दिया कि सूचना के साथ 14 जुलाई को उपस्थित हों। 14 जुलाई को सृष्टिधर महतो की छठी सुनवाई में दो प्रति में सूचना उपलब्ध कराई गई। आयोग ने अपीलकर्ता को निर्देश दिया कि यदि सूचना में आपत्ति हो तो दस दिनों में आपत्ति दर्ज करे। 12 अगस्त को सातवीं सुनवाई में अपीलकर्ता ने लिखित आपत्ति दो प्रति में आयोग में जमा की। पीआइओ के सुनवाई में अनुपस्थित रहने के बावजूद 9 सितंबर तक आपत्ति के आधार पर संतोषजनक व सही सूचना देने का मौका दिया। 9 सितंबर को आठवीं सुनवाई में सूचना आयुक्त ने पाया कि गलत सूचना उपलब्ध कराई गई। यह भी कि प्रतिवादी जानबूझकर सही सूचना देने से बचना चाहते हैं लेकिन पीआइओ को एक और मौका देते हुए 6 अक्टूबर को आयोग में उपस्थित होने को कहा गया। 6 अक्टूबर को नौवीं सुनवाई में पीआइओ ने सूचना दो प्रति में उपलब्ध कराई। अपीलकर्ता से दस दिनों के भीतर आपत्ति दर्ज करने को कहा गया तथा 8 नवंबर को प्रतिवादी को उपस्थित रहने को कहा गया। अपीलकर्ता ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि कई सूचनाएं अनुपलब्ध हैं। इसकी जानकारी सूचना आयुक्त को भी दी, पर आज तक सही सूचना नहीं मिल सकी है।

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